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कामिनी भाग 18

"हा,,,हा,,,हा,,,"!चेतन चुड़ैल की कहानी सुनकर, गुरुदेव हंसे और उन्होंने पुछा

"तुम यह युद्ध,अपनी तकलीफ समाप्त करने के लिए, लड़ रहे हो या इन पिशाचीनियों से उन, युवाओ को मुक्त कराने के लिए"!

"अब इस युद्ध के केवल यह दो कारण नहीं है, बिते 5000 वर्षों में 5000 कारण उत्पन्न हो गए हैं, पता नहीं, में, इन 5000 वषोॅ में कितनी बबार, कामिनी से पराजित हुआ हूं"! चेतन ने गंभीर भाव से कहा

"तुम्हारी योजना क्या है"? "तुम कैसे,कामिनी और उन 1000 पिशाचिनीयो को पराजित करोगे"? गुरुदेव ने पूछा

"मेरी योजना की सफलता,उसके गुप्त रहने में है, में उसे उजागर नहीं कर सकता पर जैसा, मैंने सोचा है, सब कुछ वैसा हुआ तो कल उन सभी पिशाचीनियों का विनाश होकर रहेगा"! चेतन ने कहा

तभी पारुल के साथ सभी गांव वाले, एक साथ आते हैं, उनमें सभी वृद्ध महिला-पुरुष है,कुछ बच्चे हैं और कई युवा लड़कियां है, चैतन ने उन सब को ध्यान से देखा और मन में सोचा

"कामिनी ने वृद्धो को लाने का मना किया है, अगर इनको बाराती बनाकर ले गया तो नई आफत, खड़ी हो जाएगी"! यह सोचकर चेतन ने गुरुदेव से कहा

"गुरुदेव,,,,क्या आप अपनी शक्ति से इन बुजुर्गों को युवक बना सकते हो"?

"मैं, इन्हें 4 घंटे के लिए युवा बन सकता हूं, अगर तुम 4 घंटो में अपनी योजना को सफल बना सकते हो तो इनका उपयोग कर सकते हो और अगर तुम ऐसा नहीं कर पाए तो इनमें से एक भी जीवित नहीं बचेगा"! गुरुदेव ने चेतावनी देते हुए कहा

"मेरी योजना तीन घंटे में पूर्ण हो जाएगी"! चैतन ने कहा

"ठीक है,,,तुम जब कहोगे, तब मैं इन बुजुर्गों को युवा बना दूंगा"! गुरुदेव ने कहा

'मुझे 2 बैलगाड़ी की आवश्यकता है, क्या हमारे गांव में बैलगाड़ी है"? चैतन ने पूछा

"बैलगाड़ी की व्यवस्था हो जाएगी"! एक वृद्ध ने जिम्मेदारी लेते हुए कहा

"तुम 10 लोग, बैलगाड़ी लेकर, जंगल से वह व्यंजन ले आओ और भोजन करो"! चेतन ने कहा

फिर बैलगाड़ी में रखकर, सभी व्यंजन लेकर आए और सभी ग्रामीणों ने पेट भर, भोजन किया, गांव वालों ने इतना स्वादिष्ट भोजन, अपने जीवन में पहली बार किया था, इसीलिए सभी प्रसन्न हो गए थे, भोजन के बाद

वहां की महिलाएं, उनकी परंपरा अनुसार, वैवाहिक गीत, गाने लगी, वृद्ध जन,ढोल, बाजे, बीन बजाने लगते हैं,पूरे स्टेशन पर मानो, मेला सा लग गया है, रात हो चुकी है, कामपुर नगर वीरान पड़ा है,वहां की गलियों में भूखे भेड़िए, घूम रहे हैं

चेतन वही एकांत में बैठे, पागल प्रोफेसर के पास आया और उससे कहा

"सर,,,,क्या आपने,कामपुर के जंगल में एक सफेद वृक्ष देखा है"?

"हां,,,वह वृक्ष, जंगल के पश्चिम में है"! प्रोफेसर ने बताया

"क्या,,,आप,मुझे उस वृक्ष का एक पत्ता लाकर दे सकते हैं"? चैतन पूछा

"हां,,,जरूर लाकर दे सकता हूं"! प्रोफेसर ने कहा

"ठीक है,,,अपने साथ, तीन लोगों को ले जाओ और वह पत्ता ले आओ"! चेतन ने कहा

"अगर मैं,अपने साथ किसी को लेकर जाऊंगा तो उन पिशाचीनियों को संदेह हो जाएगा, मैं 30 वर्षों से इस जंगल में रह रहा हूं, अब उन पिशाचीनियों को मुझसे कोई आपत्ति नहीं है, उस पत्ते को लाने, में अकेला जाऊंगा"! प्रोफेसर ने कहा

"आपको अकेले भेजने का मन नहीं कर रहा है"! चेतन ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा

"मेरी चिंता मत करो, मुझे कुछ नहीं होगा, मैं 1 घंटे के भीतर वह पत्ता ले आऊंगा"! यह कहकर वह प्रोफेसर पत्ता लाने के लिए चल दिया

जंगल में आकर,आज पहली बार, उस प्रोफेसर को भय का अनुभव हुआ, उसे लगा कोई उसका पीछा कर रहा है, वह सावधानी पूर्वक चलता हुआ, उस वृक्ष के पास आया और इधर-उधर देखकर, उसने उस वृक्ष से पत्ता तोड़ा और उसे अपने जेब में रखा, वह पलटा तो उसने देखा, उसके पीछे, चार पिशाचिनीया, भेडी़ये पर सवार होकर, अपने विकराल रूप में उसकी और बढ़ रही है, यह देखकर, प्रोफेसर भयभीत हो उठा, प्रोफेसर की डरावनी दशा देखकर, एक पिशाचिनी ने भेड़िए से उतरकर पूछा

"आज इतने भयभीत क्यों हो"? क्या छल करने आये हो हमसे"?

वहीं दूसरी तरफ,चेतन पुल के सामने खड़ा,प्रोफेसर का इंतजार कर रहा है, चेतन को चिंतित देखकर उसकी असिस्टेंट, पारुल ने पूछा

"सर,,,आप इतने चिंतित क्यों हैं"?

"प्रोफेसर,,,सफेद पेड़ का पत्ता लेने गए थे,अभी तक नहीं लौटे, मुझे उनकी चिंता हो रही है"!

"यहां की सभी पिशाचिनीया, प्रोफेसर को पहचानती है, उन्होंने कभी प्रोफेसर को हानि नहीं पहुंचाई है, मुझे लगता है, वह जल्द लौट आएंगे"! पारूल ने कहा

तभी जंगल से एक साथ, हजारों भेड़ियो के चिखने की आवाज आई और वहां मौजूद सभी ने जो देखा, वह भयभीत करने के साथ, आश्चर्य में डालने वाला दृश्य था, वह सभी पिशाचिनीया अपने सुंदर रूप में भेड़ियो पर सवार होकर,नदी के किनारे इकट्ठा हुई है, यह देखकर गांव वाले, रेलवे स्टाफ और सभी आश्चर्य में पड़ गए, तब सभी को विश्वास हो गया, यहां हजारों पिशाचीनिया, हजारों वर्षों से रह रही है पर जब सब ने अपनी आंखों से देखा तो यह रहस्य, उजागर हो गया, तब चेतन चुड़ैल ने गांव वालों से कहा

"यही वह पिशाचिनीया है, जिन्होंने तुम्हारे गांव के हजारों, नौज जवानों को अपना बंदी बना रखा है या फिर अपना शिकार बना लिया है, अगर तुम उन बचे हुए, नौजवानों को इन पिशाचीनियों से मुक्त करना चाहते हो और अपने नगर से इन पिशाचीनियों का अंत करना चाहते हो तो तुम्हें, मेरा साथ देना होगा"!

हम सब तुम्हारे साथ हैं हम सब तुम्हारे साथ हैं सभी गांव वालों ने एक साथ कहा

"सर,,,हमें इन पिशाचिनीया का अंत करने के लिए, क्या करना होगा"? एक बुजुर्ग व्यक्ति ने पूछा

"सबसे पहले तो आपको बुजुर्ग से नौजवान बनना पड़ेगा"! चेतन ने व्यंग्य भाव से कहा

"पर यह असंभव है"!उसी बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा

"इस आधुनिक युग में यह, सामने वाला दृश्य भी असंभव है पर देखो यह कोई सपना नहीं, हकीकत है,जिससे तुम सभी नगरवासी अनजान थे, मैं, सुबह तुम्हें, अपनी योजना के बारे में विस्तार से बताऊंगा, अब सभी सो जाओ"!

फिर सभी गांव वाले, कतारबद्ध लाईन लगाकर, स्टेशन पर सो जाते हैं और चेतन उन पिशाचीनियों से मिलने के लिए, पूल पर चलकर, आगे बढ़ता है

तभी पारुल कहती है

"सर,,,आप कहां जा रहे हो"?

"अपनी होने वाली, पत्नियों से मिलने"!

"उन पिशाचिनीयों ने क्या किया, उस पागल प्रोफेसर के साथ, जो अभी तक पत्ता लेकर नहीं लौटा है"?

"क्या चेतन चुड़ैल, सच में सुबह बारात लेकर इन पिशाचीनियों से शादी करेगा"?

"आखिर चेतन चुड़ैल ने कौन सी योजना बनाई है, जिसके जरिए वह, इन सभी पिशाचीनियों का अंत कर सकता है"?

"क्या चेतन चुड़ैल, अपनी योजना में सफल होगा या वह भी कामिनी एक अजीब दास्तां का रहस्य बन जाएगा"?

अपने सभी द्वंद्व और प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए,पढ़ते रहिए, कामीनी एक अजीब दास्तां

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4 Comments

Rupesh Kumar

19-Dec-2023 09:19 PM

V nice

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Shnaya

19-Dec-2023 11:18 AM

Nice one

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Alka jain

19-Dec-2023 10:48 AM

Nyc

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